लेखनी प्रतियोगिता -13-Sep-2023
अब क्या चाहिए
अब क्या चाहिए
आंसू बहे बोहोत किसी की चाहत में,
अब क्या चाहिए
एक राहत की तलाश हमने कि जिस
रास्ते के आशियाने में उस राह से,
अब क्या चाहिए
पूछ रहीं हैं जिंदगी मुझसे सांसों का
रंग बांधकर अंधेरे में गुम होती रोशनी,
अब क्या चाहिए
बस सवालों का हिसाब रह गया है
कुछ सवालों के जवाब में,
अब क्या चाहिए
जब उलझीं है मेरी तस्वीर मेरे ही रंगों में,
अब क्या चाहिए
बस अब क्या चाहिए यही समझना,
अब क्या चाहिए।
राखी सरोज
नई दिल्ली
Varsha_Upadhyay
14-Sep-2023 06:43 PM
Nice one
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hema mohril
14-Sep-2023 07:26 AM
V nice
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